इंटरनेट की पहुंच बढ़ने के साथ घर-ऑफिस में विभिन्न डिवाइसेज- मोबाइल एप इस्तेमाल तेजी से बढ़ा है। यह आपस में इतने जुड़ चुके हैं कि व्यक्ति का इनसे अलग रह पाना मुश्किल हो गया है। एक यूजर के इंटरनेट कनेक्शन के जरिये अलग-अलग डिवाइस के बीच चंद सेकंड में डाउनलोड/अपलोड या जानकारी शेयर कर सकता है। या पैसे का लेनदेन कर सकता है। लेकिन इसका दूसरा पहलू यह है कि आपके बैंकिंग डिटेल, ऑनलाइन स्टोर किया डेटा चोरी होने, हैकिंग, स्पैम, मालवेयर, रेंसमवेयर ऑनलाइन फ्राड जैसे साइबर जोखिम भी बढ़े हैं। वानाक्राई रेंसमवेयर से देश में 48,000 सिस्टम प्रभावित हुए थे। इसलिए घर-ऑफिस में साइबर सिक्युरिटी के लिए मजबूत उपाय करना वक्त की जरूरत बन गया है। शशिकुमार आदिदमु, चीफ टेक्नीकल ऑफिसर, बजाज आलियांजइस की इन बातों पर गौर कर लें तो आपको मदद मिल सकती है..
इन बातों का रखें ध्यान
सिक्यूरिटी टूल्स अपनाएं
पर्सनल डिवाइस पर एप में संवेदनशील डेटा स्टोर करते समय आपके पास ऐसा सिक्युरिटी टूल होना चाहिए जो मालवेयर, रेंसमवेयर या साइबर क्राइम का पता लगा सके। घर के नेटवर्क में इसके लिए अक्सर फायरवॉल और एनक्रिप्शन का उपयोग किया जाता है। फायरवॉल डिवाइस, एप्लीकेशन को साइबर हमले से बचाती है। या ऐसी कोई वेबसाइट जो आपके नेटवर्क में सेंध लगाने की कोशिश करती है उसका पता लगाकर उसे रोकती है। पब्लिक वाई-फाई से जुड़ना भी स्मार्टफोन और एप के लिए जोखिम की वजह बन सकता है।
सावधानी के साथ ब्राउज करें
साइबर अपराधी अक्सर ई-मेल के जरिए फिशिंग हमले करते हैं। यूजर को ऐसे ई-मेल असली लगते हैं लेकिन वह फर्जी होते हैं। इनसे बचने का सबसे अच्छा तरीका यह है कि अज्ञात सोर्स वाले ई-मेल या किसी अज्ञात वेबसाइट की अचानक खुलने वाली पॉप-अप विंडो में दी लिंक को क्लिक न करें। न ही डाउनलोड लिंक पर क्लिक न करें। अज्ञात वेबसाइट पर अपना ई-मेल रजिस्टर्ड करने से बचें। कोई वेबसाइट सही है या नहीं, इसकी पुष्टि के लिए वेबसाइट के नाम के आगे देखें कि https:// लगा या नहीं।
मजबूत पासवर्ड बनाएं
हर प्लेटफॉर्म पर पासवर्ड मजबूत बनाएं। पासवर्ड में अल्फा-न्यूमरिक के साथ-साथ स्पेशल कैरेक्टर का इस्तेमाल करें। अलग-अलग अकाउंट पर एक ही पासवर्ड इस्तेमाल न करें। किसी एक वेबसाइट पर पासवर्ड लीक हो गया तो कोई दूसरा आपके दूसरे अकाउंट में सेंध लगा सकता है। किसी भी दूसरे व्यक्ति को अपना पासवर्ड देने से बचें।
साइबर इंश्योरेंस कवर
सुरक्षा के तमाम उपाय करने के बावजूद हैकर्स साइबर क्राइम के नए-नए तरीके अपना रहे हैं। इसे देखते हुए साइबर-इंश्योरेंस बीमा कवर लेना अब जरूरत बन गया है। एक कॉम्प्रिहेंसिव साइबर इंश्योरेंस कवर विभिन्न प्रकार के साइबर जोखिम के खिलाफ सुरक्षा प्रदान करता है। इनमें आईडेंटिटी की चोरी, मालवेयर अटैक, आईटी चोरी से नुकसान, साइबर एक्सटोर्शन आदि शामिल हैं। यह बीमा ई-मेल स्पूफिंग और फिशिंग से होने वाले नुकसान भी सुरक्षा मुहैया कराता है। ऐसे किसी नुकसान के मामले में बचाव के लिए कानूनी खर्च, डेटा या कंपयूटर प्रोग्राम रि-इन्स्टाल करवाने आदि के खर्च पर भी बीमा कवर उपलब्ध होता है।